लेखनी कविता - काठ का घोड़ा - बालस्वरूप राही

158 Part

60 times read

0 Liked

काठ का घोड़ा / बालस्वरूप राही घोड़ा मेरा काठ का, आया पूरे साथ का। असली से भी बढ़कर है, देखो कितने ठाठ का। इस पर चढ़ रट लेता हूँ, अक्षर-अक्षर पाठ ...

Chapter

×